स्वागत ऐ नन्हीं जान !
तीव्र वेदना से व्यथित
तड़पती, कराहती तेरी माँ
और हम सबके चेहरे पर
खिंची चिंता की लकीरें
हवा में उड़ती दुआएँ
सांत्वना भरे शब्द
कातर नेत्रों से
उझकती सदिच्छाएं
तेरी एक झलक पाने को
आकुल - व्याकुल मन
तभी अचानक
इस अनोखे ग्रह के
अनोखे भू - भाग में
पूर्ण चंद्र की शीतल चांदनी के साथ
हुआ तुम्हारा आगमन
तेरे मधुर स्पर्श ने
जैसे हर लिया
माँ की असह्य पीड़ा
तेरा क्रंदन सुन
खिल उठा सबके होठों पर
मधुर मुस्कान
तुम्हारा रक्ताभ कोमल गात
जैसे नव पल्लव
नव पात,
तुम्हारी अधखुली पलकें
जैसे खुल रही हो धीरे - धीरे
गुलाब की पंखुड़ियाँ
तुम्हारे हाथ - पांव के स्पंदन से
होने लगी हवा में हलचल
धन्य हुई माँ की गोद
अनमोल रतन से
भर गया उसका आंचल
तेरा आगमन
जीवन की निरंतरता का प्रमाण
मानव संतति का वरदान
आने वाले समय का सोपान
एक युग का निर्माण
तेरा होना
दे रहा है अर्थ
हमारे होने को
हम गौरवान्वित हैं
तुम्हें पाकर
हम आह्लादित हैं
तुम्हें पाकर
ह्रदय की अतल गहराई से
देते हैं तुम्हें आशीष
और करते हैं तुम्हारा स्वागत
स्वागत! स्वागत!! स्वागत!!!
ऐ नन्हीं जान! तुम्हारा स्वागत ।
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